Sandhyamishra

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लेखनी प्रतियोगिता -29-Sep-2022




जय माता दी
 माँ तुझसे इक विनती है..... 
सुना है तू, सबकी सुनती है....... 

माँ इतनी सी, है अरदास, 
तू कर दे जग में, मुझको खास।। 
खुशियाँ ही बस, सबको दूँ मै, 
कोई मुझसे न, रहे उदास।। 

इन हाथों में ,वो शक्ति दे। 
छू कर ही सब दुःख हर ले ये।। 
दे दो मुझको ये आशीष।
कर दो मैय्या मुझको खास।। 

जीवन मेरा,होगा सफल तब। 
मात- पिता की, सेवा करूँ जब।। 
पूरी कर दो, ये अरदास। 
बन जाऊँ, बस इतनी खास।। 

सुख- वैभव से , घर को भर दूँ। 
हर रिश्ते को, रौशन कर दूँ।। 
हे जग जननी, हे माँ दुर्गा, रख लो मेरा, माँ विश्वास। 
कर दो मैय्या, मुझको खास। 
सुन लो माँ, मेरी अरदास।। 

मेरे जीवन की, एक तमन्ना। 
मात- पिता की, सेवा करना।। 
कोई मेरी ना, रोके राह। 
पूरी कर दो, माँ मेरी चाह।।
 माँ सुन लो, मेरी अरदास। 
कर दो माँ, बस इतना खास।। 
(स्वरचित: संध्या मिश्रा) 
(Pithampur, महु, इंदौर, मध्य प्रदेश) 



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4 Comments

👌🏼 👌🏼 👌🏼 बहुत ही खूबसूरत रचना

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Raziya bano

29-Sep-2022 08:12 PM

Nice

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Reena yadav

29-Sep-2022 05:20 PM

👍👍🌺🌺🌺🙏🙏

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